Bada udas safar hai hamare sath raho

बड़ा उदास सफ़र है हमारे साथ रहो,
बस एक तुम पे नज़र है हमारे साथ रहो ।

हम आज ऐसे किसी ज़िन्दगी के मोड़ पे हैं,
न कोई राह न घर है हमारे साथ रहो ।

तुम्हें ही छाँव समझकर हम आ गए हैं इधर,
तुम्हारी गोद में सर है हमारे साथ रहो ।

ये नाव दिल की अभी डूब ही न जाए कहीं
हरेक साँस भँवर है हमारे साथ रहो ।

ज़माना जिसको मुहब्बत का नाम देता रहा,
अभी अजानी डगर है हमारे साथ रहो ।

इधर चराग़ धुएँ में घिरे-घिरे हैं ‘कुँअर’
उधर ये रात का डर है हमारे साथ रहो ।

– कुँअर बेचैन

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *