Choudhvi raat ke is chhand tale

चौदहवीं रात के इस चाँद तले
सुरमई रात में साहिल के क़रीब 
दूधिया जोड़े में आ जाए जो तू 
ईसा के हाथ से गिर जाए सलीब 
बुद्ध का ध्यान चटख जाए ,कसम से 
तुझ को बर्दाश्त न कर पाए खुदा भी 

दूधिया जोड़े में आ जाए जो तू 
चौदहवीं रात के इस चाँद तले !

Gulzar

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