Ishq ko be naqab hona tha

इश्क़ को बे-नक़ाब होना था 
आप अपना जवाब होना था 

तेरी आँखों का कुछ क़ुसूर नहीं 
हाँ मुझी को ख़राब होना था 

दिल कि जिस पर हैं नक़्श-ए-रंगारंग 
उस को सादा किताब होना था 

हमने नाकामियों को ढूँढ लिया 
आख़िर इश्क कामयाब होना था

Jigar moradabadi

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