Ishq mein lajawab hai ham log

इश्क़ में लाजवाब हैं हम लोग 
माहताब आफ़ताब हैं हम लोग 

गर्चे अहल-ए-शराब हैं हम लोग 
ये न समझो ख़राब हैं हम लोग 

शाम से आ गये जो पीने पर 
सुबह तक आफ़ताब हैं हम लोग 

नाज़ करती है ख़ाना-वीरानी 
ऐसे ख़ाना- ख़राब हैं हम लोग 

तू हमारा जवाब है तनहा 
और तेरा जवाब हैं हम लोग 

ख़ूब हम जानते हैं क़द्र अपनी 
कितने नाकामयाब हैं हम लोग 

हर हक़ीक़त से जो गुज़र जायेँ 
वो सदाक़त-म’आब हैं हम लोग 

जब मिली आँख होश खो बैठे 
कितने हाज़िर-जवाब हैं हम लोग

Jigar moradabadi

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