Jazbaat आशिक़ी लिखें, दीवानगी लिखें, या अपनी ख़ामोशी लिखें … दिल के जज़्बात अब अल्फ़ाज़ नहीं बनते, आखिर आज क्या लिखें… Share this:TelegramWhatsAppLike this:Like Loading... Related