Mere dil main tu hi tu hai

मेरे दिल में तू ही तू है दिल की दवा क्या करूँ 
दिल भी तू है जाँ भी तू है तुझपे फ़िदा क्या करूँ 

ख़ुद को खोकर तुझको पा कर क्या क्या मिला क्या कहूँ 
तेरा होके जीने में क्या क्या आया मज़ा क्या कहूँ 
कैसे दिन हैं कैसी रातें कैसी फ़िज़ा क्या कहूँ 
मेरी होके तूने मुझको क्या क्या दिया क्या कहूँ 
मेरी पहलू में जब तू है फिर मैं दुआ क्या करूँ 
दिल भी तू है जाँ भी तू है तुझपे फ़िदा क्या करूँ 

है ये दुनिया दिल की दुनिया, मिलके रहेंगे यहाँ 
लूटेंगे हम ख़ुशियाँ हर पल, दुख न सहेंगे यहाँ 
अरमानों के चंचल धारे ऐसे बहेंगे यहाँ 
ये तो सपनों की जन्नत है सब ही कहेंगे यहाँ 
ये दुनिया मेरे दिल में बसी है दिल से जुदा क्या करूँ 
दिल भी तू है जाँ भी तू है तुझपे फ़िदा क्या करूँ 

Kaifi azmi

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