Muhabbat अज़ीब हूँ …ना अनपढ़ रहा, ना ही काबिल हुआ मैं, खामखाँ ए मोहब्बत तेरे स्कूल में दाख़िल हुआ मैं..!! Share this:TelegramWhatsAppLike this:Like Loading... Related