निगाहों से छुप कर कहाँ जाइएगा
जहाँ जाइएगा, हमें पाइएगा
मिटा कर हमें आप पछताइएगा
कमी कोई महसूस फ़र्माइएगा
नहीं खेल नासेह ! जुनूँ की हक़ीक़त
समझ लीजिए तो समझाइएगा
कहीं चुप रही है ज़बाने-महब्बत
न फ़र्माइएगा तो फ़र्माइएगा
Jigar moradabadi
निगाहों से छुप कर कहाँ जाइएगा
जहाँ जाइएगा, हमें पाइएगा
मिटा कर हमें आप पछताइएगा
कमी कोई महसूस फ़र्माइएगा
नहीं खेल नासेह ! जुनूँ की हक़ीक़त
समझ लीजिए तो समझाइएगा
कहीं चुप रही है ज़बाने-महब्बत
न फ़र्माइएगा तो फ़र्माइएगा
Jigar moradabadi