अगर तलाश करूँ कोई मिल ही जायेगा
मगर तुम्हारी तरह कौन मुझे चाहेगा
तुम्हें ज़रूर कोई चाहतों से देखेगा
मगर वो आँखें हमारी कहाँ से लायेगा
ना जाने कब तेरे दिल पर नई सी दस्तक हो
मकान ख़ाली हुआ है तो कोई आयेगा
मैं अपनी राह में दीवार बन के बैठा हूँ
अगर वो आया तो किस रास्ते से आयेगा
तुम्हारे साथ ये मौसम फ़रिश्तों जैसा है
तुम्हारे बाद ये मौसम बहुत सतायेगा
बशीर बद्र
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Agar talaash karun koi mil hi jayega
Magar tumhari tarah kaun mujhko chahega
Tumhen zaroor koi chahaton se dekhega
Magar wo aankhen hamaari kahan se layega
Na jane kab tire dil par nayi si dastak ho
Makaan khali hua hai to koi ayega
Main apni raah mein deewar ban key baitha hun
Agar wo aaya to kis raaste se ayega
Tumhare saath ye mausam farishton jaisa hai
Tumhare baad ye mausam bahut sataayega
Bashir Badr