Aarzoo hai wafa kare koi

आरजू है वफ़ा करे कोई
जी न चाहे तो क्या करे कोई

गर मर्ज़ हो दवा करे कोई
मरने वाले का क्या करे कोई

कोसते हैं जले हुए क्या क्या
अपने हक़ में दुआ करे कोई

उन से सब अपनी अपनी कहते हैं
मेरा मतलब अदा करे कोई

तुम सरापा हो सूरत-ए-तस्वीर
तुम से फिर बात क्या करे कोई

जिस में लाखों बरस की हूरें हों
ऐसी जन्नत को क्या करे कोई

Daag Dehalvi

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