मेरे रोने की हकीकत जिस में थी
एक मुद्दत तक वो क़ाग़ज़ नम रहा
Category: Mir Taqi Mir
Gham
ग़म रहा जब तक कि दम में दम रहा
दिल के जाने का निहायत ग़म रहा
Aankhe
‘मीर’ उन नीमबाज़ आँखों में,
सारी मस्ती शराब की सी है ।
Lub
नाज़ुकी उस के लब की क्या कहिए,
हर एक पंखुड़ी गुलाब की सी है ।