Tum ye kaise juda ho gaye

तुम ये कैसे जुदा हो गये 
हर तरफ़ हर जगह हो गये

अपना चेहरा न बदला गया
आईने से ख़फ़ा हो गये

जाने वाले गये भी कहाँ 
चाँद सूरज घटा हो गये

बेवफ़ा तो न वो थे न हम 
यूँ हुआ बस जुदा हो गये

आदमी बनना आसाँ न था 
शेख़ जी आप हो गये

Nida Fazli

Tera hizr mera naseeb hai tera gham hi meri hayat hai

तेरा हिज्र मेरा नसीब है तेरा ग़म ही मेरी हयात है 
मुझे तेरी दूरी का ग़म हो क्यों तू कहीं भी हो मेरे साथ है

मेरे वास्ते तेरे नाम पर कोई हर्फ़ आये नहीं नहीं 
मुझे ख़ौफ़-ए-दुनिया नहीं मगर मेरे रू-ब-रू तेरी ज़ात है

तेरा वस्ल ऐ मेरी दिलरुबा नहीं मेरी किस्मत तो क्या हुआ 
मेरी महजबीं यही कम है क्या तेरी हसरतों का तो साथ है

तेरा इश्क़ मुझ पे है मेहरबाँ मेरे दिल को हासिल है दो जहाँ 
मेरी जान-ए-जाँ इसी बात पर मेरी जान जाये तो बात है

Nida Fazli

Tanha tanha hum ro lenge mehfil mehfil gayenge

तन्हा तन्हा हम रो लेंगे महफ़िल महफ़िल गायेंगे 
जब तक आँसू पास रहेंगे तब तक गीत सुनायेंगे

तुम जो सोचो वो तुम जानो हम तो अपनी कहते हैं 
देर न करना घर जाने में वरना घर खो जायेंगे

बच्चों के छोटे हाथों को चाँद सितारे छूने दो 
चार किताबें पढ़ कर वो भी हम जैसे हो जायेंगे

किन राहों से दूर है मंज़िल कौन सा रस्ता आसाँ है
हम जब थक कर रुक जायेंगे औरों को समझायेंगे

अच्छी सूरत वाले सारे पत्थर-दिल हो मुमकिन है 
हम तो उस दिन रो देंगे जिस दिन धोखा खायेंगे

Nida Fazli

Sab ki pooja ek si, alag alag har reet

सब की पूजा एक सी, अलग अलग हर रीत 
मस्जिद जाये मौलवी, कोयल गाये गीत 

पूजा घर में मूर्ती, मीरा के संग श्याम 
जितनी जिसकी चाकरी, उतने उसके दाम 

सीता, रावण, राम का, करें विभाजन लोग 
एक ही तन में देखिये, तीनों का संजोग 

मिट्टी से माटी मिले, खो के सभी निशां 
किस में कितना कौन है, कैसे हो पहचान

Nida Fazli