ज़िन्दगी! तू कोई दरिया है कि सागर है कोई,
मुझको मालूम तो हो कौन से पानी में हूँ मैं ।
Category: Rajesh Reddy
Lafz
हूँ वही लफ़्ज़ मगर और मआनी में हूँ मैं ।
अबके किरदार किसी और कहानी में हूँ मैं ।
Zindgi
ज़िन्दगी वो जो ख़्वाबों-ख़्यालों में है, वो तो शायद मयस्सर न होगी कभी,
ये जो लिक्खी हुई इन लकीरों में है, अब इसी ज़िन्दगानी के हो जाएँ क्या ।
Diwana
हर किसी के आगे यूँ खुलता कहाँ है अपना दिल,
सामने दीवानों को देखा तो दीवाना खुला