ले दे के अपने पास फ़क़त एक नज़र तो है,
क्यूँ देखें ज़िन्दगी को किसी की नज़र से हम|
Category: Sahir Ludhianavi
Zindgi
तंग आ चुके हैं कशमकशे-जिन्दगी से हम
ठुकरा न दें जहाँ को कहीं बेदिली से हम
Ilzaam
ये हुस्न तेरा ये इश्क़ मेरा
रंगीन तो है बदनाम सही
मुझ पर तो कई इल्ज़ाम लगे
तुझ पर भी कोई इल्ज़ाम सही
Tasveer
पलकों पे लरजते अश्कों में तसवीर झलकती है तेरी.
दीदार की प्यासी आँखों को, अब प्यास नहीं और प्यास भी है.