तुम एक तकिये में गीले बालों की भर के ख़ुश्बू
जो आज भेजो…
तो नींद आ जाए, सो ही जाऊँ…
Category: Husn/ Taareef Shayri
Gulabi
कोरे कागज थे और कुछ बिखरे
हुए लफ्ज़ …….
जिक्र तेरा आया और सारे
कागज गुलाबी हो गये
Lub
नाज़ुकी उस के लब की क्या कहिए,
हर एक पंखुड़ी गुलाब की सी है ।
Taareef
कुछ आप हसीन है कुछ मौसम रंगीन है…..
तारीफ करूँ या चुप रहूँ , जुर्म दोनो संगीन है !!