डोले कदम तो गिरे उनकी बाँहों मे जा कर
आज हमारा पीना ही हमारे काम आ गया..
Category: Sharab/ Saki/ Maykhana Shayri
Aankhe
‘मीर’ उन नीमबाज़ आँखों में,
सारी मस्ती शराब की सी है ।
Nazar
ना पीने का शौक था, ना पिलाने का शौक था..
हमे तो सिर्फ नजरे मिलाने का शौक था…..
पर हम नजरे ही उनसे मिला बैठे …..
जिनको नजरो से पिलाने का शौक था…..
Duniya
उसकी बेटी ने उठा रक्खी है दुनिया सर पर
ख़ैरियत गुज़री कि अंगूर के बेटा न हुआ