Duniya jise kehte hai jadu ka khilona hai

दुनिया जिसे कहते हैं जादू का खिलौना है 
मिल जाये तो मिट्टी है खो जाये तो सोना है

अच्छा-सा कोई मौसम तन्हा-सा कोई आलम 
हर वक़्त का रोना तो बेकार का रोना है

बरसात का बादल तो दीवाना है क्या जाने 
किस राह से बचना है किस छत को भिगोना है

ग़म हो कि ख़ुशी दोनों कुछ देर के साथी हैं 
फिर रस्ता ही रस्ता है हँसना है न रोना है

ये वक्त जो तेरा है, ये वक्त जो मेरा 
हर गाम पर पहरा है, फिर भी इसे खोना है

आवारा मिज़ाजी ने फैला दिया आंगन को 
आकाश की चादर है धरती का बिछौना है
Nida Fazli

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