काम यही है शाम सवेरे
तेरी गली के सौ सौ फेरे
सामने वो हैं जुल्फ बिखेरे
कितने हसीं है आज अँधेरे
हम तो हैं तेरे पूजने वाले
पाँव न पड़वा तेरे मेरे
दिल को चुराया ख़ैर चुराया
आँख चुरा कर जा न लुटेरे
Kaif bhopali
काम यही है शाम सवेरे
तेरी गली के सौ सौ फेरे
सामने वो हैं जुल्फ बिखेरे
कितने हसीं है आज अँधेरे
हम तो हैं तेरे पूजने वाले
पाँव न पड़वा तेरे मेरे
दिल को चुराया ख़ैर चुराया
आँख चुरा कर जा न लुटेरे
Kaif bhopali