Muskurana bhi ek chumbak hai

मुस्कुराना भी एक चुम्बक है,
मुस्कुराओ, अगर तुम्हें शक है!
उसको छू कर कभी नहीं देखा,
उससे सम्बन्ध बोलने तक है।
डाक्टर की सलाह से लेना,
ये दवा भी ज़हर-सी घातक है।
दिन में सौ बार खनखनाती है
एक बच्चे की बंद गुल्लक है।
उससे उड़ने की बात मत करना,
वो जो पिंजरे में अज बंधक है।
हक्का-बक्का है बेवफ़ा पत्नी,
पति का घर लौटना अचानक है!
‘स्वाद’ को पूछना है ‘बंदर’ से,
जिसके हाथ और मुँह में अदरक है।

Zaheer quraishi

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