Poochh na mujhse dil ke fasane

पूछ न मुझसे दिल के फ़साने 
इश्क़ की बातें इश्क़ ही जाने 

वो दिन जब हम उन से मिले थे 
दिल के नाज़ुक फूल खिले 
मस्ती आँखें चूम रही थी 
सारी दुनिया झूम रही 
दो दिल थे वो भी दीवाने 

वो दिन जब हम दूर हुये थे 
दिल के शीशे चूर हुये थे 
आई ख़िज़ाँ रंगीन चमन में 
आग लगी जब दिल के बन में 
आया न कोई आग बुझाने

Jaan nissar akhtar

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