Shayrana
Shayrana si hai Zindgi ki Fiza
वो जो अपने हैं क्या वो अपने हैं कौन दुख झेले आज़माए कौन
सब सो गए अपना दर्द अपनो को सुना के… मेरा भी कोई अपना होता तो मुझे भी नींद आ जाती..