Shayrana
Shayrana si hai Zindgi ki Fiza
बेसबब इश्क़ में मरना मुझे मंज़ूर नहीं शमा तो चाह रही है कि पतंगा हो जाऊँ
आज तो उन्हें बेसबब रुलाने की चाहत है क्योंकि, सुना है उन्हें रोते हुए लिपट जाने की आदत है..!!