तेरी गली में आकर के खो गये हैं दोंनो.!
मैं दिल को ढ़ूँढ़ता हुँ दिल तुमको ढ़ूँढ़ता है.!!
Tag: gali
Gali
यूं उठे आह उस गली से हम
जैसे कोई जहाँ से उठता है
Bahut aarjoo thi Gali ki teri
बहुत आरज़ू थी गली की तिरी
सो याँ से लहू में नहा कर चले
तेरी गली में आकर के खो गये हैं दोंनो.!
मैं दिल को ढ़ूँढ़ता हुँ दिल तुमको ढ़ूँढ़ता है.!!
यूं उठे आह उस गली से हम
जैसे कोई जहाँ से उठता है
बहुत आरज़ू थी गली की तिरी
सो याँ से लहू में नहा कर चले