Shayrana
Shayrana si hai Zindgi ki Fiza
बुझने से जिस चिराग ने इंकार कर दिया , चक्कर लगा रही हैं हवा उसी के आस पास…!!!
या तो इस दुनिया के मनवाने में कोई बात थी, या हमारी नीयत-ए-इनकार थोड़ी कम रही ।