Shayrana
Shayrana si hai Zindgi ki Fiza
पिछला निशान जलने का मौजूद था तो फिर क्यों हमने हाथ जलते अँगीठी पे रख दिया
आँधियों के इरादे तो अच्छे न थे ये दिया कैसे जलता हुआ रह गया