Shayrana
Shayrana si hai Zindgi ki Fiza
यहाँ सब खामोश है कोई आवाज़ नहीं करता…. सच बोलकर कोई किसी को नाराज़ नहीं करता….
आजकल थोड़ा खामोश रहने लगा हूँ मैं
लोग कहते है बहुत दर्द देते है मेरे अल्फ़ाज़