सब ढूंढ़ते रहे मुझमें….मुनाफे की वजह…
करता रहा सौदे मैं, बेमोल मुस्कुराते हुए…!!
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Muhabbat
वो बड़े ताज्जुब से पूछ बैठा मेरे गम की वजह..
फिर हल्का सा मुस्कराया, और कहा, मोहब्बत की थी ना.
Muskurahat
तू रूठी रूठी सी लगती है, कोई तरकीब बता मनाने की
मैं ज़िन्दगी गिरवी रख दूं, तू क़ीमत तो बता मुस्कुराने की