अब क्यों न ज़िन्दगी पे मुहब्बत को वार दें
इस आशिक़ी में जान से जाना बहुत हुआ
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Nazar
ले दे के अपने पास फ़क़त एक नज़र तो है,
क्यूँ देखें ज़िन्दगी को किसी की नज़र से हम|
Zindgi
तंग आ चुके हैं कशमकशे-जिन्दगी से हम
ठुकरा न दें जहाँ को कहीं बेदिली से हम
Zindgi
हो सके तो मुड़ के देख लेना, जाते जाते,
तेरे आने के भ्रम में,ज़िन्दगी गुज़ार लेंगे…