Dil

हज़ारों दिल मसल कर पाँवों से झुँझला के फ़रमाया, 
लो पहचानो तुम्हारा इन दिलों में कौन सा दिल है ।

Dil

ये दिल लेते ही शीशे की तरह पत्थर पे दे मारा, 
मैं कहता रह गया ज़ालिम मेरा दिल है, मेरा दिल है । 

Jannat

बाद मरने के मिली जन्नत ख़ुदा का शुक्र है 
मुझको दफ़नाया रफ़ीक़ों ने गली में यार की