उम्र एक तल्ख़ हक़ीकत है ‘मुनव्वर’ फिर भी
जितना तुम बदले हो उतना नहीं बदला जाता ।
सबके कहने से इरादा नहीं बदला जाता,
हर सहेली से दुपट्टा नहीं बदला जाता ।।
Category: Shikayat/ Tanz/ Ulahna Shayri
Tankhwah
जरूरतें जिम्मेंदारियां और ख्वाहिशें…….,
यूं तीन हिस्सों में तनख्वाह की तरह बंट जाता हूँ….
Kitaab
अंग्रेजी की किताब बन गई हो तुम
पसंद तो आती हो पर समझ मे नही
Zakhm
मेरें जख्मों पर उसने भी मरहम लगाया, ये कहकर…
कि जल्दी से ठीक हो जाओ, अभी तो और भी जख्म देने बाकि है….