ज़िंदगी यूँ हुई बसर तन्हा
क़ाफ़िला साथ और सफ़र तन्हा
ज़िंदगी यूँ हुई बसर तन्हा
क़ाफ़िला साथ और सफ़र तन्हा
आप के बाद हर घड़ी हम ने
आप के साथ ही गुज़ारी है
रख लो दिल में संभाल कर थोड़ी सी याद मेरी….
रह जाओगे जब तन्हा, तो काम आएंगे हम…
मेरे शब्दों को इतनी शिद्दत से पढ़ा ना करो,
कुछ याद रह गया तो हमें भूल नहीं पाओगे !!