Jab kisi se koi gila rakhna

जब किसी से कोई गिला रखना 
सामने अपने आईना रखना 

यूँ उजालों से वास्ता रखना 
शम्मा के पास ही हवा रखना 

घर की तामीर चाहे जैसी हो 
इस में रोने की जगह रखना 

मस्जिदें हैं नमाज़ियों के लिये 
अपने घर में कहीं ख़ुदा रखना 

मिलना जुलना जहाँ ज़रूरी हो 
मिलने-जुलने का हौसला रखना

Nida Fazli

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