Na jan dil banegi na dil jaan hoga

न जाँ दिल बनेगी न दिल जान होगा
ग़मे-इश्क़ ख़ुद अपना उन्वान होगा

ठहर ऐ दिले-दर्दमंदे-मोहब्बत
तसव्वुर किसी का परेशान होगा

मेरे दिल में भी इक वो सूरत है पिन्हाँ
जहाँ हम रहेंगे ये सामान होगा

गवारा नहीं जान देकर भी दिल को
तिरी इक नज़र का जो नुक़सान हेगा

चलो देख आएँ `जिगर’ का तमाशा
सुना है वो क़ाफ़िर मुसलमान होगा

Jigar moradabadi

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *