Yaad

कभी उनकी याद आती है कभी उनके ख्व़ाब आते हैं..
मुझे सताने के सलीके तो उन्हें बेहिसाब आते हैं…!!

Zindgi

ज़िन्दगी वो जो ख़्वाबों-ख़्यालों में है, वो तो शायद मयस्सर न होगी कभी,
ये जो लिक्खी हुई इन लकीरों में है, अब इसी ज़िन्दगानी के हो जाएँ क्या ।