Shayrana
Shayrana si hai Zindgi ki Fiza
हथेलियों पर मेहँदी का ज़ोर ना डालिये, दब के मर जाएँगी मेरे नाम कि लकीरें…
और भी बनती लकीरें दर्द की शुक्र है खुदा तेरा जो हाथ छोटे दिए !!
उसने देखा ही नहीं अपनी हथेली को कभी; उसमे हलकी सी लकीर मेरी भी थी!