Shayrana
Shayrana si hai Zindgi ki Fiza
आख़िरी वक़्त भी पूरा न किया वादा-ए-वस्ल आप आते ही रहे मर गये मरने वाले
इश्क़ में जाँ से गुज़रते हैं गुज़रने वाले मौत की राह नहीं देखते मरने वाले