हथेलियों पर मेहँदी का ज़ोर ना डालिये,
दब के मर जाएँगी मेरे नाम कि लकीरें…
Category: Shikayat/ Tanz/ Ulahna Shayri
Patthar
तू भी हीरे से बन गया पत्थर
हम भी कल जाने क्या से क्या हो जाएँ
Janaza
जनाजा मेरा देखकर….बोली वो….!!
वो ही मरा क्या, जो मुझ पर मरता था….!!!
Aadat
दिल जलाने की आदत उनकी आज भी नहीं गयी;
वो आज भी फूल बगल वाली कब्र पर रख जाते हैं।