आदतन तुम ने कर दिये वादे
आदतन हम ने ऐतबार किया
तेरी राहों में हर बार रुक कर
हम ने अपना ही इन्तज़ार किया
अब ना माँगेंगे जिन्दगी या रब
ये गुनाह हम ने एक बार किया
गुलज़ार
आदतन तुम ने कर दिये वादे
आदतन हम ने ऐतबार किया
तेरी राहों में हर बार रुक कर
हम ने अपना ही इन्तज़ार किया
अब ना माँगेंगे जिन्दगी या रब
ये गुनाह हम ने एक बार किया
गुलज़ार
दिल जलाने की आदत उनकी आज भी नहीं गयी;
वो आज भी फूल बगल वाली कब्र पर रख जाते हैं।
इंतजार तो किसी का भी नहीं है अब,
_____फिर न जाने क्यों________
पीछे पलट कर देखने की आदत गई नहीं।
अब किसी और से मुहब्बत कर लू तो शिकायत मत करना…।।
ये बेवफाई की बुरी आदत भी मुझे तुम्ही से ही लगी है….